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कनाडा के वरिष्ट वैज्ञानिकों में से एक का कहना है कि उनको इस “प्रशासनिक मामले” ने बेहद आश्चर्यचकित और निराश कर दिया। जिसमें एक प्रमुख चीनी कनाडाई वायरोलॉजिस्ट (virologist), उसके बायोलॉजिस्ट (biologist) पति, और उसके छात्रों को विनीपेग में कनाडा के एकमात्र लेवल-4 लैब से निष्कासित कर दिया गया। और उनपर आर.सी.एम.पी. (RCMP) जांच भी बैठानी पड़ी।
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क्यूबेक में लवल विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी और संक्रामक रोगों के विभाग के प्रोफेसर व संक्रामक रोगों पर अनुसंधान केंद्र के निदेशक Gary Kobinger ने कहा, कि “मुझे लगता है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, यह सब अटकलें हैं, हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि जांच किसके बारे में है। तथ्य यह है कि आर.सी.एम.पी. (RCMP) मुझसे जुड़ा हुआ है, इसका और कोई कारण नहीं है। क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी जांच के लिए किसी बाहरी व्यक्ति की जरूरत है।”
सूत्रों का कहना है कि जियांग्गू किउ, बायोलॉजिस्ट (biologist) केडिंग चेंग और किउ के छात्रों को नेशनल माइक्रोबायोलॉजी लैब (NML) से पकड़ा गया था और उनकी सेक्यूरिटी एक्सेस 5 जुलाई को रद्द कर दी गई थी।
किउ स्पेशल पैथोजेंस प्रोग्राम में वैक्सीन डेवलपमेंट और एंटीवायरल थैरेपी सेक्शनकी प्रमुख हैं। कोबिंगर ने कहा कि ऐसा प्रावधान है अगर किसी के पास सिक्यूरिटी बैज नहीं है तो उसे बिल्डिंग से निकाल दिया जाता है।
कनाडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी (PHAC) 24 मई को इस पर कोई पुष्टि करेगी। क्यूंकि यह संभावित “नीति उल्लंघन” का एक प्रशासनिक मामला है जिसपर RCMP जाँच कर रहा है। गोपनीयता का हवाला देते हुए न तो PHAC और न ही RCMP ने ही आगे किसी बात की जानकारी दी है।
इस बीच, मैनिटोबा विश्वविद्यालय ने जियांगू किउ और चेंग दोनों की नियुक्तियों को निलंबित कर दिया है। किउ, चेंग और उनके छात्र सभी मूल रूप से चीन से आते हैं।
ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इस मामले में चीन के लिए बौद्धिक संपदा और जैविक सामग्री का अनुचित हस्तांतरण शामिल है। एनएमएल (NML) कनाडा की एकमात्र लेवल-4 की सुविधा है और उत्तरी अमेरिका में केवल कुछ में से एक है जो इबोला सहित दुनिया की सबसे घातक बीमारियों से निपटने के लिए सुसज्जित है।
हालांकि, कोबिंगर का मानना नहीं है कि जियांगू किउ आर्थिक जासूसी में शामिल नहीं थी।
उन्होंने कहा कि क्या आप पिछले 5 वर्षों में चीनी लोगों द्वारा विकसित की गयी विज्ञान को देख रहे हैं? अधिकांश शोध को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित किया जाता है। कोबिंगर ने कहा कि उनके पास बहुत सारे वैज्ञानिक हैं, हम छह महीने में जो कर सकते हैं, वे एक महीने में कर सकते हैं। जैसा मैं अपनी तरफ से देख सकता हूं कि हमारे पास ऐसा कोई ज्ञान या रीयजेंट्स नहीं है जिसका वह लाभ उठा सकते हैं। उनके पास बेस्ट पैथोजेंस, बेस्ट वैक्सीन, बेहतर चिकित्सा, सहित सब कुछ हमसे बेहतर है।
उनका मानना है कि यह गलत तरीके से भरी गई कागजी कार्रवाई या नौकरशाहों द्वारा बनाई गई सरकारी नीति के उल्लंघन का मामला हो सकता है। जो यह नहीं समझते कि विज्ञान कैसे काम करता है। वह कहते हैं कि या तो यह जनादेश का सवाल हो सकता है। क्योंकि लैब की भूमिका हमेशा अस्पष्ट रही है – कुछ का कहना है कि इसे केवल डायग्नोस्टिक्स पर काम करना चाहिए जबकि अन्य का मानना है कि इसे शोध करना चाहिए।
तीन साल पहले एन.एम.एल. (NML) छोड़ने के पहले तक किउ ने कोबिंगर के साथ मिलकर ZMapp विकसित किया। जो कि इबोला के लिए एक उपचार था, जिसे 2014-16 में पश्चिम अफ्रीका में इबोला फैलने के दौरान सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले सप्ताह लेटेस्ट इबोला प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ इमरजेंसी करार दिया।
कोबिंगर और किउ को उनके काम के लिए सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें 2018 में गवर्नर जनरल का इनोवेशन अवार्ड भी शामिल है। कोबिंगर ने कहा कि यह खबर सुनकर उन्होंने ईमेल द्वारा जियांगू किउ से बात की है और किउ ने इस समर्थन के लिए कोबिंगर को धन्यवाद दिया।
वह चाहते हैं कि PHAC अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही अटकलों को निपटाने के लिए थोड़ी और जानकारी प्रदान कर करे। कोबिंगर ने एक फोन साक्षात्कार में कहा कि “किउ के काम का दायरा बहुत मजबूत है, मुझे नहीं लगता कि इससे उसका कुछ नुकसान होगा। लेकिन इससे उसकी प्रतिष्ठा को जरूर ठेस पहुंचेगी।”
“अगर मैं उसकी जगह पर होता, तो मुझे नहीं पता कि मैं कभी वापस जाता, मैं ऐसा बिलकुल न करता। कोबिंगर ने कहा कि वह सिर्फ एक फोन कॉल से दुनिया में कहीं भी, कल के कल अपने लिए एक लैब ढूंढ सकती है। वह दुनिया की एक टॉप वैज्ञानिक हैं, तो उनके लिए ऐसा कर पाना बिलकुल भी मुश्किल नहीं है”।
यह सब बयान ऐसे समय में आएहैं जब कनाडा और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। पिछले दिसंबर में कनाडा ने चीनी हुवेई के कार्यकारी Meng Wanzou को अमेरिकी वारंट पर गिरफ्तार किया था। बदले में, चीन ने भी जासूसी के आरोप में दो कनाडाई लोगों को गिरफ्तार किया। और एक तीसरे को ड्रग अपराधों के लिए मौत की सजा दी है। और कनाडाई कैनोला और मांस के आयात को भी बंद कर दिया है।
कोबिंगर को उम्मीद है कि जियांगू किउ और उनकी टीम को एक डिप्लोमेटिक डिस्प्यूट के बीच में गलत तरीके से नहीं पकड़ा जाएगा। कोबिंगर ने कहा “विज्ञान की प्रवृति है, कि सभी को एक साथ काम करने से लाभ होता है। फिर से मै यही कहूँगा कि, मुझे लगता है कि स्पष्ट रूप से अन्य मुद्दे हैं जो पूरी तरह से वैज्ञानिक अनुसंधान से असंबंधित हैं”।
यह मामला एक अमरीकी जांच से मिलता है, जहां अधिकारियों ने कुछ वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों का चीनी कनेक्शन होने की बात कही थी। और उनपर बीजिंग के साथ बौद्धिक संपदा और व्यापार रहस्यों को साझा करने की चेतावनी और जांच बैठाई थी। कई चीनी लोगों को अमेरिकी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अपने पदों से स्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा और नाटो (NATO) ने भी राज्य प्रायोजित जासूसी की चेतावनी दी है।
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