कोरोनावायरस का सशस्त्रीकरण – चीन की गुप्त योजना

लगभग दो दशक पहले उच्च-स्तरीय कम्युनिस्ट पार्टी कैडर को दिए गए एक गुप्त भाषण में चीनी रक्षा मंत्री जनरल Chi Haotian ने चीनी राष्ट्रीय पुनर्जागरण सुनिश्चित करने की दूरद्रिष्टि-योजना के बारे में बताया था।

कोरोनावायरस का सशस्त्रीकरण - चीन की गुप्त योजना
कोरोनावायरस का सशस्त्रीकरण – चीन की गुप्त योजना

उन्होंने कहा कि तीन महत्वपूर्ण मुद्दे थे जिन्हें समझ लेना चाहिए – पहले रहने की जगह का मुद्दा – क्योंकि चीन की आबादी अधिक है और बुरी तरह से अस्त-व्यस्त है, और चीन का माहौल बिगड़ रहा है। दूसरा मुद्दा यह है, कि कम्युनिस्ट पार्टी को चीनी लोगों को ‘बाहर जाना’ सिखाना चाहिए। इस बात से जनरल Chi का मतलब नई भूमि पर विजय प्राप्त करना था जिसमें “उपनिवेशीकरण” (colonization) द्वारा “दूसरा चीन” बनाया जा सकता था। और तीसरा महत्वपूर्ण मुद्दा है “अमेरिका”।

जनरल Chi ने अपने श्रोताओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि “यह चौंकाने वाला प्रतीत होता है, लेकिन तर्क वास्तव में बहुत सरल है। चीन पश्चिमी रणनीतिक हित के साथ मौलिक संघर्ष कर रहा है। इसलिए, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन को दूसरे चीन के निर्माण के लिए अन्य देशों में जगह हथियाने की अनुमति कभी नहीं देगा। और संयुक्त राज्य अमेरिका ही चीन के रास्ते का रोड़ा है”।

Chi ने समस्या को इस प्रकार समझाया: “क्या संयुक्त राज्य अमेरिका हमें रहने की नई जगह हासिल करने की अनुमति देगा? अगर संयुक्त राज्य अमेरिका हमें रोकने में दृढ़ है, तो ताइवान, वियतनाम, भारत, या यहाँ तक कि जापान के लिए कुछ भी करना हमारे लिए कठिन होगा। तो हमें कितना अधिक रहने की जगह मिल सकती है?  संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के पास बड़े पैमाने पर उपनिवेश के लिए हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए भूमि है।”

जनरल ने कहा कि “हम इतने मूर्ख नहीं हैं कि परमाणु हथियारों का उपयोग करके अमेरिका के साथ मिलकर नष्ट हो जायें। केवल गैर-विनाशकारी हथियारों का उपयोग करके जो कई लोगों को मार सकते हैं, हम अमेरिका को अपने आधीन कर सकते हैं। और हाँ ऐसे गैर विनाशकारी हथियार सिर्फ जैविक हथियार के रूप में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि “हम निष्क्रिय नहीं हैं, पिछले कई वर्षों में हमने इस तरह के हथियारों को विकसित किया है और निरंतर इस पर कार्य भी कर रहे हैं।”

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सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी जैविक हथियारों को “अमेरिका की सफाई” के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हथियार मानती है। Chi चीनी शस्त्रागार में अन्य सभी हथियार प्रणालियों के आगे जैविक हथियार रखने का श्रेय Deng Xiaoping को देते हैं। Chi कहते हैं कि “जब कॉमरेड ‘Xiaoping हमारे साथ थे, तो पार्टी केंद्रीय समिति ने विमान वाहक समूहों को विकसित करने बजाय दुश्मन देश की बड़े पैमाने की आबादी को खत्म करने वाले घातक हथियार विकसित करने की योजनाओं पर कार्य किया था।”

यह विश्वास करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन जनरल Chi खुद को एक “मानवतावादी” कम्युनिस्ट मानता था, और इसलिए चीन और अमेरिका के रिश्ते को लेकर उसकी मिली जुली एक व्यक्तिगत भावनाएं थी वह कहता था कि “मुझे कभी-कभी लगता है कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक दूसरे का दुश्मन होना कितना दुखदाई है। आखिरकार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में चीन की मदद की थी। चीनी लोगों को याद है कि अमेरिका ने जापानी साम्राज्यवाद का विरोध किया था, लेकिन अब यह सब मायने नहीं रखता है”।

जनरल Chi ने कहा कि “लम्बे समय से चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका का संबंध एक जीवन-मृत्यु के संघर्ष की भांति है, और हमें इस दुखद स्थिति को स्वीकार करना होगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी सभ्यता के इतिहास ने हमें बार-बार सिखाया है कि एक पर्वत दो बाघों को एक साथ रहने की अनुमति नहीं देता है।”

जनरल Chi के अनुसार, चीन की अत्यधिक जनसख्या की समस्या और पर्यावरणीय गिरावट अंततः सामाजिक पतन और गृहयुद्ध में बदल जाएगी। जनरल Chi का अनुमान है, कि ‘800 मिलियन’ से अधिक चीनी इस तरह के पतन में मर जाएंगे। इसलिए, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पास इसके अलावा और कोई भी नीति विकल्प नहीं है कि या तो संयुक्त राज्य अमेरिका जैविक हमलों द्वारा साफ कर दिया जाये, या चीन राष्ट्रीय तबाही झेले।

जनरल Chi नें अपनी बात सही साबित करने के लिए अनेक तर्क दिए जैसे कि – “हमें दो परिदृश्यों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए, यदि हमारे जैविक हथियार हमले में सफल हो जाते हैं, तो संयुक्त राज्य के खिलाफ लड़ाई में चीनी लोगों का नुकसान बहुत ही कम होगा। और यदि,  हमला विफल हो जाता है तो संयुक्त राज्य अमेरिका बदले में परमाणु हमला करेगा, जिससे चीन को शायद एक ऐसी तबाही झेलनी पड़ेगी जिसमें उसकी आधी से ज्यादा आबादी नष्ट हो जाएगी। इसलिए हमें अपने बड़े और मध्यम आकार के शहरों के लिए वायु रक्षा प्रणालियों के साथ तैयार रहने की आवश्यकता है।”

अपने भाषण में, जनरल ‘Chi’ हमें चीन की विकास रणनीति को समझने के लिए एक कड़ी प्रदान करता है। Chi नें अपने भाषण में कहा कि, “हमारा आर्थिक विकास युद्ध की जरूरतों की तैयारी के बारे में है, यह कम समय में चीनी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के बारे में नहीं है। यह उपभोक्ता-उन्मुख पूंजीवादी समाज के निर्माण के बारे में भी नहीं है”। सार्वजनिक रूप से जनरल Chi ने कहा कि “हम अभी भी अपने आर्थिक विकास पर पूरा ध्यान केन्द्रित करने पर जोर देते हैं लेकिन वास्तव में युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार होना ही आर्थिक विकास को दर्शाता है।“

वायरसों का अस्त्र के रूप में प्रयोग

पश्चिमी देशों ने अभी तक पश्चिम की P4 Lab (जहाँ दुनिया के सबसे घातक रोगाणुओं का अध्ययन किया जाता है जैसे कि Level-4 lab) में चीन की लगातार भागीदारी के मकसद को समझा नहीं है। अब इस बात से थोड़ी सी आशंका जरूर लगाई जा सकती है की नॉवेल कोरोनावायरस महामारी चीन के वुहान शहर से फैली है और वो भी चीन की वुहान P4 लैब से जहाँ घातक से घातक वायरस का अध्ययन किया जाता है।

यह भाषण दिए हुए अभी कुछ ही दिन हुए थे कि जनरल Chi नें चीन के रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और यह वही साल था जब चीन में SARS (कोरोनावायरस) महामारी फैली थी। उसी वर्ष (संयोग से) बीजिंग ने वुहान P4 virology लैब बनाने का फैसला किया था। जनरल Chi के भाषण को देखते हुए, क्या वुहान में नॉवेल कोरोनावायरस का प्रकोप शहर की P4 माइक्रोबायोलॉजी लैब में वायरस को हथियार बनाकर किया गया है?

तीन चीजे गौर करने लायक हैं। सबसे पहले, Sydney Morning Herald के अनुसार, 2008 में ताइवान के वरिष्ट सुरक्षा अधिकारी ने सांसदों को बताया कि, “चीनी प्रयोगशालाओं में किए गए शोध के लिए ताइवान के पास SARS वायरस को अनुसंधान से जोड़ने की खुफिया जानकारी थी।” चीन के आर्थिक दबदबे और चीनी भाषा के मीडिया में राजनीतिक घुसपैठ को देखते हुए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो के निदेशक Tsai Chao-Ming को अपने बयान को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था। क्या निर्देशक Tsai को एक ऐसे बयान को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था जो सच था, क्या वह चीन के अंदर अपने खुफिया स्रोतों को प्रकट नहीं कर सकता था?

दूसरी चीज गौर करने लायक यह है कि The Virology Journal में 28 फरवरी 2013 को प्रकाशित गुलफराज खान का एक लेख है, जो जून 2012 में सऊदी अरब में एक नॉवेल कोरोनोवायरस की खोज को रेखांकित करता है। यह कुछ हद तक COVID-19 जैसा ही है। बस इसमें कुछ बहुत अंतर पाया गया था जैसे कि जब पहली बार जब  खोजा गया तो यह पता चला कि मानव से मानव संक्रमित नहीं हो सकता था। इस लिए वुहान संस्करण को केवल NCoV के बजाय 2019-nCoV नाम दिया गया है।

क्या आप मानते हैं कि 2012 और 2020 के बीच इसकी परिवर्तनशीलता बदल गई है? रैंडम म्युटेशन या हथियारकरण? (इस सवाल का जवाब अब भारतीय वैज्ञानिकों ने दे दिया है, जिन्होंने पता लगाया था कि कोरोनावायरस को HIV AIDS के इंसर्शन के साथ तैयार किया गया था।) यदि यह महामारी प्रकोप वुहान के बजाये किसी अन्य शहर में हुआ होता, तो यह माना जा सकता था कि यह रैंडम म्युटेशन है। लेकिन वुहान चीनी जैव हथियारों की जन्म भूमि रही है तो ऐसे में क्या हमें इसे मात्र एक संयोग करार देना चाहिए?

तीसरी बात गौर करने लायक यह है कि ग्रेटगेमइंडिया ने क्या कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है शीर्षक नाम का एक लेख प्रकाशित किया है।

लेखक ने विनीपेग में कनाडाई (P4) नेशनल माइक्रोबायोलॉजी लैब में चीनी नागरिकों द्वारा सुरक्षा उल्लंघन की खबर और खान के वायरोलॉजी जर्नल लेख को एक साथ रखा है। जहां नॉवेल कोरोनावायरस को कथित रूप से अन्य घातक जीवों के साथ संग्रहीत किया गया था। पिछले मई में, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस को जांच के लिए बुलाया गया था जिसके बाद चीनी शोधकर्ताओं को जुलाई के अंत में लैब से निष्काषित कर दिया गया था। मुख्य चीनी वैज्ञानिक (डॉ. जियांगू किउ) ने विनीपेग और वुहान के बीच कथित तौर पर काफी सारी यात्रायें की थी।

यहां हमारे पास NCoV जीवों की यात्रा का पूरा विस्तार पूर्वक उल्लेख है कि पहली बार सऊदी अरब में खोजा गया था, फिर कनाडा में अध्ययन के लिए भेजा गया था और वहां से एक चीनी वैज्ञानिको द्वारा चुराकर वुहान में लाया गया था। 2008 में ताइवान के खुफिया प्रमुख के बयान के तर्ज पर, ग्रेटगेमइंडिया कहानीके तहत तक पहुंचा है। सच्चाई जो भी हो, निकटता का तथ्य और उत्परिवर्तन की अवांछनीयता ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है और यही हमारी प्राथमिकता है।

इस बात की अत्यधिक संभावना है कि 2019-nCoV जीव 2012 में सऊदी डॉक्टरों द्वारा खोजे गए NCoV का ही एक हथियारबंद संस्करण है।

वुहान से पूरी दुनिया में हुए प्रकोप की जांच होनी चाहिए, चीनियों को विश्व को पूरी पारदर्शिता प्रदान करनी चाहिए, सच सामने आना चाहिए। यदि चीनी अधिकारी निर्दोष हैं, तो उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, अगर वे दोषी हैं, तो वे सहयोग करने से इनकार करेंगे।

यहां वास्तविक चिंता यह है कि क्या बाकी दुनिया में वास्तविक और गहन जांच की मांग करने की हिम्मत है? हमें इस मांग को लेकर निडर होने की जरूरत है और इसके लिए हमें “आर्थिक हितों” को भुलाकर इस बात की तह तक जाना चाहिए की आखिर इसके पीछे क्या सच्चाई है। हमें एक निष्पक्ष जांच की जरूरत है, और हमें यह करना ही होगा ताकि सच बाहर आ सके।

J.R. Nyquist एक Columinist हैं और Origins of the Fourth World War और The Fool and His Enemy जैसी पुस्तकों के लेखक होने के साथ-साथ The NewTactics of Global War के सह-लेखक भी हैं। यह रिपोर्ट The Epoch Times में प्रकाशित हुआ है, जो वर्तमान में 33 देश में 21 भाषाओं के साथ एक सबसे तेजी से बढ़ता स्वतंत्र समाचार मीडिया नेटवर्क है।

यहां देखें ग्रेटगैमइंडिया की शोध पर आधारित The Epoch Times प्रस्तुत कोरोनवायरस की उत्पत्ति पर विशेष डॉक्यूमेंट्री फिल्म.

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