प्रसिद्ध वैज्ञानिक फ्रैंक प्लमर ने सऊदी SARS कोरोना वायरस पर अध्ययन किया और विनीपेग आधारित लैब में कोरोना वायरस (HIV) वैक्सीन पर भी काम कर रहे थे| यह वही लैब है जहाँ से चीनी जैव युद्ध एजेंटों द्वारा कोरोना वायरस की तस्करी की गयी थी| डॉ प्लमर की रहस्मय परिस्थितियों में मौत हो गयी| फ्रैंक प्लमर विनीपेग की राष्ट्रीय माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला में चीनी जैविक जासूसी मामले की एक अहम् कड़ी थे।
एक्सक्लूसिव रिपोर्ट: क्या कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है
एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देखिए: जैवयुद्ध विशेषज्ञ डॉ फ्रांसिस बॉयल – कोरोनावायरस एक जैविक युद्ध हथियार
फ्रैंक प्लमर हत्या - कोरोनावायरस जांच की अहम् कड़ी
CBC के अनुसार 67 वर्षीय डॉ प्लमर उस वक़्त केन्या में चल रही HIV/AIDS/STI में अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए नैरोबी विश्वविद्यालय के सहयोगी केंद्र की वार्षिक बैठक के एक मुख्य वक्ता थे| लैरी गेलमोन जोकि इस बैठक के मुख्य संयोजकों में से एक थे, बताते हैं कि बैठक के दौरान प्लमर अचानक से गिर पड़े और उन्हें नैरोबी में अ...
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