पूरे विश्व में इस वक़्त कोरोनावायरस के प्रकोप की वजह से लोगों तक टेस्टिंग किट और सुविधा व्यवस्था नहीं पहुँच पा रही है। और ऊपर से लॉकडाउन होनें की वजह से तथा सनकी मीडिया द्वारा बार-बार इन बातों को उजागर करने से एक बात तो साफ़ है कि राष्ट्रों के चिकित्सा बुनियादी ढांचे पूरी तरह हिल चुके हैं। जिसके परिणामस्वरूप चारो ओर आतंक और अराजकता का माहौल है। स्वास्थ व्यवस्था के क्षेत्र में ऐसे दोषपूर्ण परिणामों की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) वैश्विक आलोचना के घेरे में आ गया है। हालाँकि, ग्रेटगेमइंडिया की इन मामलों पर गहरी नज़र ने कोरोनावायरस परीक्षण प्रोटोकॉल में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को उजागर किया है।
कोरोनावायरस परीक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन और भारत में फाल्स पॉजिटिव के मामले 80% तक हैं। और इटली में यह मामले 99% तक वाकई चौंका देने वाले हैं।
एक्सक्लूसिव रिपोर्ट: क्या कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है
एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देखिए: जैवयुद्ध विशेषज्ञ डॉ फ्रांसिस बॉयल – कोरोनावायरस एक जैविक युद्ध हथियार
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