टीकाकरण ने मानव जाति को सौ से अधिक वर्षों तक संक्रामक बीमारी के भयानक खतरे से निपटने में मदद की है। वे सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रमुख उपकरण बन गए हैं, और वैज्ञानिकों से आशा की जाती है कि वे Zika, SARS, Ebola और कोरोनावायरस जैसी नई बीमारियों के खतरे से निपटने के लिए जल्दी से जल्दी वैक्सीन विकसित करे। लेकिन दुनिया भर में उन माता-पिता की संख्या क्यूँ बढ़ रही है जो उनके बच्चों के टीकाकरण पर सवाल उठाने लगे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के वैक्सीन उत्पादकों को क्यों बेच दिया गया है? और क्या हम उन मल्टीनेशनल कोरपोरेशन पर भरोसा कर सकते हैं, जो टीके के विकास और उत्पादन में तेजी से हावी हैं?
अपनी विवादास्पद पुस्तक में प्रसिद्ध लेखक Stuart Blume ने खुलासा किया कि दोनों विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और राष्ट्रीय स्तर के कई सबसे प्रभावशाली सलाहकारों को वैक्सीन उद्योग के द्वारा भुगतान किया जाता है। एक बहुत ही गंभीर सवाल उठाते हुए Stuart Blume लिखते हैं कि WHO किसके लिए काम करता है? टीके उद्योग के हितों के लिए या लोगों के लिए। यही कारण है कि 10 साल पहले WHO ने एक महामारी की झूठी अफवाह फैलाई।
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